Monday, November 26, 2012

मोंट्रियल में पहली बर्फबारी


पिछले कुछ हफ़्तों से पेड़-पौधे, लोग और सारा वातावरण जैसे दुखी मन से ठण्ड (बर्फ) से लड़ने की तैयारी में लगा हो। पेड़ों के अधिकांश पत्ते एक रंगीन बिदाई के साथ अपना जीवन चक्र पूरा कर पेड़ों की शाखाओं को बर्फ से लड़ने के लिए अकेला छोड़ के जा चुके हैं। अब पेड़ों पर बस गिने चुने पत्ते ही बचे हैं। और इसलिए अब सब पेड़ रंगहीन और आभाहीन से हो गये हैं। कुछ दिनों से तेज़ हवाओं ने काफी शोर मचाया और अभी मचा रही हैं। यह तो ऐसे ही है जैसे कोई बड़े खतरे की अग्रिम सूचना दे रहा हो। सड़कों पर बस इक्का दुक्का लोग मोटे-2 ऊनी आवरण(जेकेट) ओढ़ कर दिखाई देते हैं। हर कोई ठण्ड से बचने का प्रबंध कर रहा है। 

कल आखिर मौसम ने मिजाज़ बदला और मोंट्रियल मैं हल्की बर्फ़बारी हुई। अभी तो इतनी ज्यादा नहीं हुई की सड़कों पैर जमा हो जाये। लेकिन कपास के फाहों की तरह आसमान से गिरती बर्फ मानो असमान से ठण्ड के गोलों से कोई आप पैर निशाना साध रहा हो। हम जैसे लोग जिनके लिए यह इस तरह का पहला मौका हो, मौसम का यह अंदाज़ देख कर जैसे मज़ा ही आ गया हो। फटाफट मैंने फोन उठाया और इक फोटो ले कर अपने ऑनलाइन दोस्तों में बाँटा। फिर तो बर्फ बरी थोडा तेज़ हो गयी। पूरा आसमान छोटे-2 बड़ते हुए फाहों से भर गया था। यह क्रम लगभग एक घंटा चला और पूरा दिन रुक-2 कर चलता ही रहा। साथ में तेज़ हवा भी चल रही थी। तापमान काफी कम होने की वज़ह से ठण्ड भी प्रचंड हो रही है। कुछ देर बाद थोड़ी बर्फ छज्जे के जंगले पर जमा हुई। नन्हे-2 बर्फ के फाहे जो कि बहुत जल्दी ही पिघल कर पानी हो गये।  

स्वस्ति 

Thursday, June 14, 2012

कानाडे रियाँ गल्लां :)


मैं बड़े दिना ते सोची कारन था पई कुछ लिखूं. पैर मैं किता ते शुरू करूँ.. चल पहिले अपणे घराते ही करदा. मैं इत्थी ईकी मुन्डुए ने रेअहां. सै बी अहांरे ई मुल्खाते या.. पुणे ते. इत्थी डाई सालाँ ते या.. अहारा घर इया कोठीया  रिया पंज्वीन्याँ मंजला परा. अहारा घरा च दो कमरे, रसोई कने लेट्रिन-बाथरूम आ. आऊँ इक्के कमरे च रेयान कने दूजा मुंडू दूए कमरे च. कनाडे बड़ी भरी ठण्ड पवां ई, तिस खातेर इत्थे कमरे जो गरम करने खातेर गरम हवा रि व्यवस्था हुवां ई. जितने बी नलके इथी तीन च दो टुटीयां ईयाँ. इक्क गरम पानी जो कने इक ठन्डे जो. मेरे कमरे च इक बिस्तर, मेज़ कने चार कुर्सीयां इयाँ. इक अलमारी बी. तिहा च मैं कपडे कने अपणे बैग रखीरे. इक खिड़की  ई, तिहा अंदर कने बहरा ते लग-२ भीत ए. इत्ते ठंडा ते बड़ा फर्क पवां. होर बहरा रि आवाज़ ता सुनादी इ नी, जे भीत बंद ओ. कमरे रा फर्श लकडिया रा. 

कमरे रा कराया ३९० डालर आ. उपर ते बिजली पानी बगैरा लग. इत्थे बिजलिया रे स्विच पुठिया खाओ जो ओं ऑफ हुआयें. मतलब तिखाजे आहें ऑन कराएँ, उखा इत्थी ऑफ हुआयें  कने तिखाजे आहें ऑफ कराएँ, उखा इत्थी ऑन. ताला खोल्ने जो बी चाबी पुठिया खाओ जो घुमाने पवां ई. रसोई गासा रा स्विच बी पुठा ई ह्या. बिजलिया रे प्लगा ने स्विच नि हुंदा. प्लग बि लग ही हुआं. इकहरा प्लग तिस च नि लगदा..  जे कमरे ते बाहर देखो तान इक कोई ७० मजिल कोठी ई. सवेरा ५ बजे हुई जाँ कने रात १० बजे नेरा लगां हुने. हऊँ रति सादे आठ बजे अवां तान एडा लगान तान जे पई पंज सादे पंज बजे रा टाइम आ.  

ठीक आ तान फेरी, आज इतना ई. बाकि गल्लां बाद च. रई ताँ जय -२