![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEimZaq2jk35rgrdRodE9vo_-xL7K53QAqx10AG7iSXCWL56XM4YO41QOU3UJkNLcTL0YH69XH4CTXUvi8KtuaqvSw4t42Pfl-NO7sHxezX7iHKkPns1upglQm_QNBXxomAIrdIhnv_c9Kf-/s320/2.jpg)
सत्य अहिंसा का जिसने दुनिया में अलख जगाया।
गुलामी की नींद से जिसने हिन्दोस्तान उठाया।
आओ स्मरण करें उनको उनकी जयन्ती पर,
जिनके कारण लाल किले पर अपना तिरंगा लहराया।।
कितना पावन दिन, है ये २ अक्तूबर।
हुए अवतरित देशभक्त एक, कहलाये जो लाल बहादुर।
नैया देश की जिसने कठिन समय में पार लगाई।
ऋण न चुका पायेंगे उनका, भारतवासी जन्म जन्मांतर।।
देश तो देशभक्तों से है, शहीद हो या हो नाबाद।
जिनकी शुभ करनी से, हम अब तक हैं आबाद।
करें प्रण मिलकर हमसब, कुरीतियों को मिटायेंगे।
हर तरह से सुदृड॰ भारत को भविष्य में ले जायेंगे।।
गुलामी की नींद से जिसने हिन्दोस्तान उठाया।
आओ स्मरण करें उनको उनकी जयन्ती पर,
जिनके कारण लाल किले पर अपना तिरंगा लहराया।।
कितना पावन दिन, है ये २ अक्तूबर।
हुए अवतरित देशभक्त एक, कहलाये जो लाल बहादुर।
नैया देश की जिसने कठिन समय में पार लगाई।
ऋण न चुका पायेंगे उनका, भारतवासी जन्म जन्मांतर।।
देश तो देशभक्तों से है, शहीद हो या हो नाबाद।
जिनकी शुभ करनी से, हम अब तक हैं आबाद।
करें प्रण मिलकर हमसब, कुरीतियों को मिटायेंगे।
हर तरह से सुदृड॰ भारत को भविष्य में ले जायेंगे।।